गंभीर खाद्य संकट में फंसे अफगान के लिए भारत से गेहूं मांग रहा संयुक्त राष्ट्र
अफगानिस्तान में पिछले तीन वर्षों में दो बार सूखा पड़ा है। किसी बड़े संकट को टालने के लिए उसे भारत पर निर्भर रहना पड़ सकता है। वैसे अफगान तक कुशल रसद पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती है। कारण यह है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को खाद्य सहायता भेजने के लिए भूमि मार्गों को अवरुद्ध कर रखा है।
संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) तालिबान-नियंत्रित अफगानिस्तान में गेंहू दान करने के लिए भारत से इन दिनों गुजारिश कर रहा है। दरअसल अफगानिस्तान इस वक्त गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहा है। अफगानिस्तान के लोग हर दिन नहीं खा रहे हैं और खा भी रहे हैं तो अपनी भूख से कम खा रहे हैं। इन हालातों के चलते अफगानी बच्चों में गंभीर कुपोषण का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
अफगानिस्तान में डब्ल्यूएफपी की देश निदेशक मैरी-एलेन मैकग्रार्टी ने बुधवार को बताया कि पिछले दो हफ्तों से इस विषय पर चर्चा चल रही है और उन्हें उम्मीद है कि भारत फिर से अफगानिस्तान को गेंहू दान करना शुरू कर देगा। पिछले साल भारत ने अफगानिस्तान को 75,000 टन गेंहू भेजा था।भारत द्वारा अफगानिस्तान को खाद्य सहायता भेजने के लिए पाकिस्तान का भूमि मार्गों को अवरुद्ध करना एक बड़ी बाधा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा अफगानिस्तान के लिए आपातकालीन सहायता पर बुलाई गई एक उच्चस्तरीय बैठक में इस समस्या की ओर इशारा करते हुए कहा था कि मौजूदा स्थिति में जो चुनौतियां हैं उनमें कुशल रसद भी एक बड़ी चुनौती है।