आर्थिक प्रतिबंधों के कारण संकट में घिरे रूस ने भारत से की मदद की अपील
यूक्रेन पर हमले को लेकर अमेरिका ने इसी हफ्ते रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन ने भी कहा है कि वह साल के अंत तक प्रतिबंध लगाएगा। रूस कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
कहते हैं कि जब कोई मुसीबत में होता है तो वह अपनों को याद करता है। संकट से उबरने में वह अपने पुराने मित्रों की ओर देखता है। यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच आज रूस 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से सबसे गहरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण करने की वजह से उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऐसे में रूस ने भारत से मदद की अपील की है।
रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने भारत से गुजारिश की है कि वह प्रतिबंध से प्रभावित रूस के तेल और गैस क्षेत्र में अपने निवेश को बढ़ाए। रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा है कि भारत में रूस के तेल और पेट्रोलियम उत्पाद का निर्यात 1 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया है। इसमें और भी इजाफे के अवसर मौजूद हैं। नोवाक ने भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से कहा कि हम रूसी तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय निवेश को और आकर्षित करने को इच्छुक हैं। इसके साथ ही रूस ने एशिया के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश भारत में रूसी कंपनियों के बिक्री नेटवर्क का विस्तार करने में रुचि दिखाई है। नोवाक ने यह भी कहा कि रूस को उम्मीद है कि दोनों देश भारत के कुडनकुलम में परमाणु ऊर्जा संयंत्र में नई इकाइयों के निर्माण सहित असैन्य परमाणु ऊर्जा पर सहयोग जारी रखेंगे।