यूक्रेन: भारतीय डॉक्टर के इन 'पालतू' जानवरों की ऐसे होगी देखभाल
तेलंगाना सरकार ने उनसे कहा कि वह किसी चिड़ियाघर में अपने पालतू जानवरों को रखने की व्यवस्था कर सकते हैं। इस स्थिति में मैसूर चिड़ियाघर के अधिकारी इन जानवरों की देखरेख करने के लिए सहमत हुए।
रूस के हमलों का सामना कर रहे यूक्रेन में भारतीय मूल के एक पालतू जानवर की देखरेख के लिए भारत के मैसूर का एक चिड़ियाघर आगे आया है। भारत के तेलंगाना में महबूब नगर जिले के टंकारा के रहने वाले डॉ. गिरि कुमार पाटिल साल 2007 से यूक्रेन में डॉक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं। वन्यजीव प्रेमी पाटिल के पास एक जैगुआर, एक ब्लैक पैंथर और तीन इटालियन मास्टिफ कुत्ते हैं।
रूस के हमले के बावजूद अपने जानवरों की देखभाल करने के लिए उन्होंने यूक्रेन में अपना घर नहीं छोड़ा। इस बीच रूसी सैनिकों ने उन्हें पकड़ा भी था लेकिन भारतीय पासपोर्ट देख चेतावनी देकर छोड़ दिया था। अब वह अपने पालतू जानवरों के साथ अपने पैतृक घर आना चाहते हैं।
इसके लिए उन्होंने तेलंगाना सरकार से संपर्क किया था और जानवरों के लिए 50 एकड़ जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया था। लेकिन राज्य सरकार ने इस अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वाइल्ड लाइफ कानून के तहत देश में जंगली जानवरों को पालने की अनुमति नहीं है।
हालांकि तेलंगाना सरकार ने उनसे कहा कि वह किसी चिड़ियाघर में अपने पालतू जानवरों को रखने की व्यवस्था कर सकते हैं। इस स्थिति में मैसूर चिड़ियाघर के अधिकारी इन जानवरों की देखरेख करने के लिए सहमत हुए। वहीं कर्नाटक चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव बीपी रवि ने इसे लेकर कहा कि मैसूर चिड़ियाघर में काफी अच्छी व्यवस्थाएं हैं। यहां अच्छा माहौल, देखरेख करने वाले और डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अनुमति देती है तो हम इन जानवरों की देखभाल करेंगे।