भारत में मुंबई और दिल्ली सबसे महंगे तो कोलकाता है सबसे सस्ता शहर, क्यों?
मर्सर के 2022 कॉस्ट आफ लिविंग सर्वे में इस वर्ष पांच महाद्वीपों में फैले 227 शहरों में आवास, परिवहन, भोजन, कपड़े, घरेलू सामान और मनोरंजन सहित 200 से अधिक वस्तुओं की कीमतों की तुलना की गई है।
दूसरे राज्यों से प्रवासी के तौर पर रहने वाले कर्मचारियों के लिए एशिया के 40 सबसे महंगे शहरों में मुंबई और दिल्ली को शामिल किया गया है। लेकिन कोलकाता को सबसे कम खर्चीला शहर बताया है। यह खुलासा मर्सर के 2022 कॉस्ट आफ लिविंग सर्वे मे किया गया है। मर्सर के 2022 कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे के अनुसार रहना यानी आवास और रहने का खर्च दोनों लिहाज से मुंबई भारत का सबसे महंगा शहर है। इसके बाद नई दिल्ली, फिर चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद हैं। जबकि पुणे और कोलकाता रैंकिंग में सबसे कम खर्चीले भारतीय शहर हैं।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई बहुराष्ट्रीय निगमों के संचालन के लिए एक लोकप्रिय शहर है। ऐसे में इसका महंगा होना लाजमी है और यही वजह है कि कुछ कंपनियां अब मुंबई में रहने की अधिक लागत के कारण हैदराबाद, चेन्नई और पुणे जैसे अन्य कम लागत वाले क्षेत्रों में विस्थापित होने पर विचार कर रही हैं।
मर्सर के कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वे 2022 में स्विट्जरलैंड के चार शहर ज्यूरिख, जिनेवा, बेसल और बर्न पांचवें स्थान पर रहे। वहीं हांगकांग नंबर एक है। वहीं एशियाई शहरों की बात की जाए तो सिंगापुर, टोक्यो और बीजिंग क्रमशः 8वें, 9वें और 10वें स्थान पर हैं। रहने और रहने के खर्च को लेकर विश्व में 127वें नंबर पर मुंबई है जबकि भारत में सबसे महंगा शहर है। इसके बाद 155वें नंबर पर नई दिल्ली है। सर्वे में चेन्नई 177वें नंबर पर, बेंगलुरु 178वें और हैदराबाद 192वें नंबर पर है।
मर्सर के इंडिया मोबिलिटी लीडर राहुल शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कोविड-19 से संबंधित अस्थिरता के परिणामस्वरूप आवश्यकताओं के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई हैं। ये यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष से और भी बदतर हो गई हैं। इस अनिश्चितता के परिणामस्वरूप कुछ कंपनियों व संगठनों को अपने प्रवासी कर्मचारियों की भलाई पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दुनिया भर के अधिकांश देशों में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ती मुद्रास्फीति के चलते पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर कर दिया है।
मर्सर के 2022 कॉस्ट आफ लिविंग सर्वे में इस वर्ष पांच महाद्वीपों में फैले 227 शहरों में आवास, परिवहन, भोजन, कपड़े, घरेलू सामान और मनोरंजन सहित 200 से अधिक वस्तुओं की कीमतों की तुलना की गई है। मर्सर ने इस साल अपनी कॉस्ट ऑफ लिविंग कार्यप्रणाली को नया रूप दिया है जिसमें स्मार्टवॉच, टैबलेट कंप्यूटर और स्मार्टफोन जैसे नए आइटम शामिल किए गए हैं और गैर-प्रासंगिक आइटम जैसे म्यूजिक सीडी और वीडियो मूवी रेंटल को हटा दिया गया है।
अध्ययन में उन तत्वों पर खास ध्यान रखा गया है जो दैनिक लागत में योगदान करते हैं। उदाहरण के लिए मूल्यांकन किए गए भारतीय शहरों में कोलकाता में दूध, ब्रेड, सब्जियां आदि जैसी दैनिक आवश्यकताओं की सबसे कम लागत है। जबकि मुंबई और नई दिल्ली में सबसे अधिक लागत है। ऊर्जा, फोन की लागत आदि के मामले में घरेलू उपयोगिताओं की लागत मुंबई में सबसे अधिक और चेन्नई और हैदराबाद में सबसे कम है। मुंबई में मूवी देखना सबसे महंगा है जबकि हैदराबाद सबसे सस्ता है।
सर्वेक्षण में पाया गया कि देश के आवास बाजार का मूल्यांकन करते समय भारत में जांचे गए सभी स्थानों में सबसे सस्ता आवास हैदराबाद था। हालांकि हैदराबाद पुणे और कोलकाता की तुलना में अधिक महंगा है। अन्य भारतीय शहरों जैसे चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में रहना यानी आवास की लागत मुंबई की तुलना में 50 फीसदी कम है। बता दें कि मर्सर एक अमेरिकी परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म है। इस फर्म का न्यूयॉर्क शहर में मुख्यालय है जबकि फर्म 130 से अधिक देशों में काम करती है।