भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस के उत्सव में एक और अहम बदलाव किया
यह फैसला बीटिंग रिट्रीट समारोह से जुड़ा है। बीटिंग रिट्रीट एक सदियों पुरानी सैन्य परंपरा है जो उन दिनों से चली आ रही है जब सूर्यास्त के समय सैनिक युद्ध करना बंद कर देते थे। जैसे ही बिगुल पीछे हटने की आवाज देते थे वैसे ही सैनिक लड़ना बंद कर, अपने हथियार रख देते थे और युद्ध के मैदान से हट जाते थे।
भारत में इस वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) व उसके बाद 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह में बदलाव देखने को मिल रहे हैं। अभी हाल ही में इंडिया गेट पर सालों से प्रज्ज्वलित ज्योति को वहां से हटाकर नजदीक में बने 'नेशनल वॉर मेमोरियल' में जलती मशाल में विलय कर दिया गया है। इतना ही नहीं एक और फैसला भारत की मोदी सरकार ने लिया है।
यह निर्णय बीटिंग रिट्रीट समारोह से जुड़ा है। दरअसल भारत की मोदी सरकार ने महात्मा गांधी के एक पसंदीदा भजन 'अबाइड विद मी' को इस साल हटा दिया है। सरकार ने कहा कि भारत इस साल आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है। ऐसे में सभी भारतीय धुन बजाना ही उपयुक्त होगा। दरअसल 'अबाइड विद मी' को 1847 में स्कॉटिश एंग्लिकन कवि और भजन लेखक हेनरी फ्रांसिस लिटे ने लिखा था जिसे 1950 से बीटिंग रिट्रीट समारोह का हिस्सा बनाया हुआ था।