प्रवासी बच्चे यहां भी संवारें अपना भविष्य, भारत के बाहर इस बार 25 शहरों में JEE परीक्षा
जेईई मेन की परीक्षा अब मई की जगह जून और जुलाई में होगी और इसी तरह पंजीयन कराने की तारीख भी बढ़ा दी गई है। बता दें कि इससे पहले मेडिकल की सबसे कठिन परीक्षा NEET के लिए भी भारत के बाहर 14 शहरों में पहली बार केंद्र बनाए गए थे।
भारत में इंजीनियरिंग की सबसे कठिन परीक्षा जेईई (मेन) में अब ज्यादा से ज्यादा प्रवासी भारतीय बच्चे बैठ पाएंगे। इसके लिए भारत के बाहर अब 13 नहीं 25 शहरों में जेईई के सेंटर बनाए गए हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने रजिस्ट्रेशन की तारीख भी बढ़ा दी है
इन 25 शहरों में ऑस्ट्रेलिया का कैनबरा शहर भी है। ऑस्ट्रेलिया दूतावास इस संबंध में जानकारी देते हुए ट्वीट किया, 'जेईई (मेन)- 2022 परीक्षा के रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ा दी गई है। जिन प्रवासी स्टूडेंट्स को इसमें रुचि है वे अब कैनबरा में भी परीक्षा दे सकते हैं। रजिस्ट्रेशन और अधिक जानकारी के लिए जेईई मेन की वेबसाइट पर जाएं।'
Registration dates for JEE(Main)-2022 exam have been extended. Interested Indian diaspora students can now appear for the coveted exam in Canberra too.
— India in Australia (@HCICanberra) April 19, 2022
For registration and more details, go to: https://t.co/B13T5R6vSH@DG_NTA @MEAIndia @cgisydney @CGIPerth @cgimelbourne
इन 25 शहरों में बने केंद्र
एनटीए के मुताबिक भारत में 501 शहरों और देश के बाहर 25 शहरों में परीक्षा आयोजित की जाएगी। भारत के बाहर मनामा, कोलंबो, दोहा, दुबई, जकार्ता, काठमांडू, कुआलालंपुर, कुवैत सिटी, लागोस, मस्कट, रियाद, शारजाह, सिंगापुर, कैनबरा, वियना, ब्राजिलिया, ओटावा, बीजिंग, हॉन्गकॉन्ग, पोर्ट लुईस, मॉस्को, केपटाउन, बैंकॉक, वॉशिंगटन डीसी और हनोई है। बता दें कि 2020 में कोविड के कारण जेईई मेन की परीक्षा केवल भारतीय के केंद्रों में कराई गई थी। इस बार जेईई मेन की परीक्षा अब मई की जगह जून और जुलाई में होगी।

कौन दे पाएगा परीक्षा में बैठने से पहले इन योग्यताओं पर खरा उतरना होगा
एनटीए के मुताबिक, वे प्रवासी और विदेशी बच्चे, जिन्होंने लंदन, कैम्ब्रिज या श्रीलंका में जनरल सर्टिफिकेट एजुकेशन की परीक्षा पास की हो या कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से हाई स्कूल सर्टिफिकेट किया हो या इंटरनैशनल बैकालॉरिएट डिप्लोमा किया हो, परीक्षा में बैठ सकते हैं। जिन बच्चों के पास इन संस्थानों की डिग्री नहीं है लेकिन उन्होंने अपने देश से 12वीं या बोर्ड की परीक्षा पास की है तो उन्हें एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी का सर्टिफिकेट देना होगा ताकि यह साबित हो सके कि उन्होंने 12वीं की समकक्ष परीक्षा दी है।
बता दें कि इससे पहले मेडिकल की सबसे कठिन परीक्षा NEET के लिए भी भारत के बाहर 14 शहरों में पहली बार केंद्र बनाए गए हैं।