भारतीय मूल की राम्या प्रभाकर को लेखनी से है प्यार, बड़े-बड़ों के भाषण लिखती हैं
राम्या का कहना है कि अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए वह लकीर की फकीर नहीं बनीं। उन्होंने अपना रास्ता खुद चुना है। उन्होंने कहा कि मैं एक विदेश सेवा अधिकारी या संयुक्त राष्ट्र में एक अधिकारी नहीं बनना चाहती। मुझे लिखना पसंद है।

भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक राम्या प्रभाकर को भाषा से अत्यधिक लगाव है। वह शब्दों को नए सिरे से गढ़ती हैं। उन्हें आकार देती हैं। उन्हें विदेश सेवा या संयुक्त राष्ट्र में काम करने के कोई शौक नहीं है। वह लेखनी के माध्यम से जीवन को जीना चाहती हैं। यही वजह है कि यूएसएआईडी (United States Agency for International Development) की भाषण लेखन टीम में राम्या को शामिल होने का मौका मिला है।

राम्या इससे पहले क्लिंटन और ओबामा के भाषण लेखकों द्वारा स्थापित एक फर्म वेस्ट विंग राइटर्स में काम कर चुकी हैं। वह सियारो स्थित अमेरिकी विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के सहयोगी के रूप में काम कर चुकी हैं। वह तुर्की के पूर्व अमेरिकी राजदूत फ्रांसिस जे रिकियार्डो के लिए एकमात्र भाषण लेखक थीं। उन्होंने भाषण, पत्र, पुस्तक और अन्य दस्तावेज लिखे हैं। वह कलर के स्पीचराइटर्स की सदस्य भी हैं। राम्या प्रभाकर ने जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्नातक किया है। जॉन्स हॉपकिन्स में रहते हुए उन्होंने अम्मान, जॉर्डन में स्कूल फॉर इंटरनेशनल ट्रेनिंग (एसआईटी) के माध्यम से भू-राजनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और मध्य पूर्व के भविष्य का अध्ययन पूरा किया।