पठानकोट, पुलवामा हमले पर ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ दिखाई एकजुटता
भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने पक्षों ने आतंकवाद रोधी चुनौतियों से निपटने में अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया और साथ ही एफएटीएफ और संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद रोधी सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमति बनी।

भारत वर्षों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित है। मुंबई, पठानकोट और पुलवामा हमला ऐसे कुछ आतंकी घटनाएं है जिसने दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा और भारत के कई मित्र देशों ने साथ खड़े होने की हिम्मत दिखाई है। मित्र राष्ट्र ऑस्ट्रेलिया भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मिलकर लड़ रहा है। इसी सिलसिले में बुधवार को कैनबरा में 3वें इंडिया-ऑस्ट्रेलिया जॉइंट वर्किंग ग्रुप ऑन काउंटर-टेररिज्म की बैठक हुई जिसमें भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (आतंकवाद रोधी) और ऑस्ट्रेलियाई राजदूत (आतंकवाद रोधी) ने अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व किया।
ऑस्ट्रेलिया में मौजूद भारतीय मिशन के मुताबिक, दोनों ही पक्षों ने सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के साथ ही हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा की। इस दौरान सभी देशों से अपील की गई कि वे अपने क्षेत्र का इस्तेमाल किसी और देश पर हमले के लिए न होने दें।
13th meeting of India-Australia Joint Working Group on Counter-terrorism was held in Canberra on 4th May 22, co-chaired by @MahavirSinghvii, Joint Secretary (CT), @MEAIndia and Mr. Roger Noble, Australian Ambassador for Counter-terrorism in @DFAT. (1/3)@VohraManpreet @AusAmbCT pic.twitter.com/nRFJnEPbdd
— India in Australia (@HCICanberra) May 5, 2022
भारतीय उच्चायोग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कैनबरा की इस बैठक में मुंबई, पठानकोट और पुलवामा के हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाने की बात की गई। दोनों ही पक्षों ने आतंकवाद रोधी चुनौतियों से निपटने में अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराया और साथ ही द्विपक्षीय और संयुक्त राष्ट्र व एफएटीएफ जैसे बहुपक्षीय फोरम में आतंकवाद रोधी सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमति बनी।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2008 में मुंबई, जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस और 2019 फरवरी में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले ने भारत को हिलाकर रख दिया था। यह सभी हमले पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों द्वारा कराए गए थे। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत ने बार-बार इन संगठनों के खिलाफ आवाज उठाई है, इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है।