लोन लेना पड़े तो भी विदेश में पढ़ेंगे, भारत के छोटे शहरों में बढ़ रही है रुचि
विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, गुंटूर, वारंगल और तिरुपति सहित टियर-II और टियर-III शहरों से इस बढ़ोतरी में सबसे ज्यादा 176 फीसदी योगदान देखने को मिला है। यानी मेट्रो शहर ही नहीं बल्कि भारत के छोटे शहरों से भी युवा विदेशी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के इच्छुक हैं।
विदेशों में अध्ययन के लिए भारत में शिक्षा ऋण के आवेदनों की संख्या पिछले वर्ष में लगभग दोगुनी हो गई है। इसके पीछे बड़ी वजह भारतीय युवाओं की विदेशी विश्वविद्यालयों में शिक्षा हासिल करने को लेकर बढ़ती रुचि बताई जा रही है।
हालांकि यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से सुरक्षित वापिस लौटे भारतीय छात्र अपनी बाकी पढ़ाई भारत में ही करना चाहते हैं और इसके लिए छात्रों ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की है। ब्रिटेन स्थित फिनटेक कंपनी प्रोडिजी फाइनेंस के एक अध्ययन के अनुसार साल 2022 के पहले 3 महीनों में ठीक साल 2021 के पहले 3 महीनों की तुलना में ऋण आवेदनों में 98 फीसदी की वृद्धि हुई है।