भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नया करार, भारतीय आईटी कंपनियों को मिलेगा फायदा
नए समझौते के तहत ऐसी कंपनियों की बाहरी आय पर टैक्स लगाने की व्यवस्था समाप्त की जाएगी। भारतीय कंपनियों का तर्क यह रहा है कि इस तरह की सेवाओं पर ऑस्ट्रेलिया में कोई कर नहीं लगाया जाना चाहिए। क्योंकि इनकी उत्पत्ति का स्थान ऑस्ट्रेलिया नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया और भारत ने एक आर्थिक सहयोग एवं कारोबार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया ने देश में तकनीकी सेवाएं प्रदान करने वाली भारतीय कंपनियों की बाहरी आय पर टैक्स लगाने का प्रावधान खत्म करने पर सहमति जताई है।
यह समझौता इसलिए भी खासी अहमियत रखता है क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं देने वाली भारतीय कंपनियों को भारत में अपने कर्मचारियों की ओर से ऑस्ट्रेलियाई ग्राहकों को दी जाने वाली सेवाओं के कराधान को लेकर मुकदमों में प्रतिकूल फैसलों का सामना करना पड़ा है।
इसे लेकर भारतीय कंपनियों का तर्क यह रहा है कि इस तरह की सेवाओं पर ऑस्ट्रेलिया में कोई कर नहीं लगाया जाना चाहिए। क्योंकि इनकी उत्पत्ति का स्थान ऑस्ट्रेलिया नहीं है। इसके अलावा ये सेवाएं ऑस्ट्रेलिया के घरेलू कर कानून के तहत रॉयल्टी के तहत भी नहीं आती हैं।
सोमवार (2 अप्रैल) को हुए इस नए समझौते के तहत ऐसी कंपनियों की बाहरी आय पर टैक्स लगाने की व्यवस्था समाप्त की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया अपने घरेलू कराधान कानून में समान अवधि में संशोधन भी करेगा। इस समझौते से भारत से ऑस्ट्रेलियाई ग्राहकों को सेवाएं प्रदान कराने वाली कंपनियों को लाभ मिलेगा।
हालांकि इस समझौते के तहत भारत में समान सेवाएं प्रदान कर रही ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के लिए कर व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते को बहुत अहम माना जा रहा है और इससे दोनों के कारोबारी संबंध बेहतर होने की उम्मीद है।