एच-1बी वीजा हासिल करना चाहते हैं तो इन बातों को जानें और समझ भी लें
हर साल अमेरिका 65,000 नए एच-1बी वीजा जारी करता है, जबकि अन्य 20,000 वीजा यूएस मास्टर्स डिग्री धारकों के लिए आरक्षित हैं। भारतीय युवा इसके सबसे बड़े लाभार्थियों में से हैं। हर साल जारी किए गए नए वीज़ा का करीब 70 फीसदी भारतीय ही हासिल करते हैं।
अगर आप एच-1 बी वीजा हासिल कर अमेरिका जाना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर इसके लिए जरूरी कागजात जुटाने में मशगूल होंगे। हाल ही में अमेरिका नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं (USCIS) ने घोषणा की थी कि वित्त वर्ष 2023 के लिए एच-1बी वीजा के लिए पंजीकरण 1 मार्च से शुरू होगा और 18 मार्च तक चलेगा। कंप्यूटरीकृत लॉटरी ड्रॉ में सफल प्रतिभागियों को इसकी सूचना दे दी जाएगी। तो अगर आप भी वीजा हासिल करने की रेस में शामिल हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर ये लॉटरी सहित वीजा का ये सिस्टम काम कैसे करता है।
लॉटरी सिस्टम की जरूरत क्यों पड़ी? : आम तौर पर एच-1 बी वीजा के लिए बड़ी संख्या में भारत सहित दुनिया के तमाम देशों के नागरिक पंजीकरण कराते हैं। अगर वित्त वर्ष 2022 की बात करें तो यूएससीआईएस के मुताबिक 85 हजार की तय सीमा के बावजूद 380,613 लोगों ने इस वीजा के लिए अपना पंजीकरण कराया था। आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से कम्प्यूटरीकृत लॉटरी प्रणाली की शुरुआत हुई। इस माध्यम से रैंडम तरीके से तय सीमा तक उम्मीदवारों को चयन किया जाता है।